सारनाथ, वाराणसी स्थित केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान (मानित विश्वविद्यालय) विशिष्ट उद्देश्यों की पूर्ति हेतु स्थापित देश का एक अन्यतम संस्थान है। इस संस्थान की स्थापना 1967 में पं. जवाहरलाल नेहरू तथा परम पावन दलाईलामा की संयुक्त प्रेरणा से हुई । इसका उद्देश्य तिब्बत से निर्वासित भारत के विभिन्न प्रान्तों में निवास रत तिब्बती युवाओं तथा भारत के सीमान्त हिमालयीय प्रदेशों के निवासियों (जिनकी भाषा तथा संस्कृति तिब्बत वासियों से समान थी और जिन्हें पूर्वकाल में तिब्बत में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता था जो चीन के तिब्बत पर अतिक्रमण करने के कारण खंडित हो गया) की सांस्कृतिक तथा शैक्षणिक अभिवृद्धि सुनिश्चित करना रहा है । इस उद्देश के साथ इस संस्थान को सर्वप्रथम सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय से सम्बद्ध एक संस्थान के रूप में वर्ष 1967 में प्रारम्भ किया गया तथा वर्ष 1977 में संस्थान को भारत सरकार के तत्कालीन शिक्षा मंत्रालय के संस्कृति विभाग के एक स्वायत्त संस्थान के रूप में मान्यता प्रदान की गयी।
Title : NAAC Peer Team Visits CIHTS Campus (18-20th October 2022)
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