पुरस्कार एवं सम्मान

प्रो0 गेशे ङवङ् समतेन, कुलपति- शिक्षा तथा साहित्य के क्षेत्र में किये गए उल्लेखनीय कार्य के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा 31.03.2009 को पद्मश्री उपाधि प्रदान की गयी।

पूज्य ग्यालछेन नमदोल, सहायक प्राध्यापक, पुनरुद्धार विभाग ‘प्रतीत्यसमुत्पादस्तुतिसुभाषितहृदयम्’ के अनुवाद के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत अकादमी, लखनऊ द्वारा 1983 में विविध पुरस्कार प्राप्त हुए ।

आचार्य कमलशील के ‘भावनाक्रम’ के संस्कृत में अनुवाद तथा पुनरुद्धार के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत अकादमी, लखनऊ द्वारा 1985 में शंकर पुरस्कार प्राप्त ।

‘चतुः स्तवः’ के अनुवाद के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत अकादमी, लखनऊ द्वारा 2001 में विविध पुरस्कार प्राप्त ।

डॉ0 पेमा तेन्जिन, सहायक प्राध्यापक, अनुवाद विभाग को ‘अभिसमयालंकार महाशास्त्र-काय-व्यवस्था टीका’ के पुनरुद्धार तथा अनुवाद के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत अकादमी, लखनऊ द्वारा 1988 में विविध पुरस्कार प्राप्त ।

आर्य प्रज्ञापारमिता वज्रच्छेदिका विस्तृतटीका’ के पुनरुद्धार तथा अनुवाद के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत अकादमी, लखनऊ द्वारा 1994 में विविध पुरस्कार प्राप्त।

डॉ0 लोब्संग दोर्जी

‘आचार्य दीपंकरश्रीज्ञान के पाँच ग्रंथ’ इस शीर्षक से प्रकाशित आचार्य अतिश के पाँच पाठों के पुनरुद्धार तथा अनुवाद के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत अकादमी, लखनऊ द्वारा 1999 में विशेष पुरस्कार प्राप्त।

‘आर्यत्रिस्कंधसूत्र’ तथा उसके भाष्यों के पुनरुद्धार तथा अनुवाद के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत अकादमी, लखनऊ द्वारा 2001 में विशेष पुरस्कार प्राप्त ।