नियुक्ति/कार्य - भारत में
अनुसंधान सहायक, कें. उ. ति. शिक्षा संस्थान, सारनाथ, 1982-1986
संपादक, 1986-1999
तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ में आमंत्रित प्राध्यापक, 1998
प्राध्यापक, 1999
अतिरिक्त निदेशक, 1999-2001
निदेशक/कुलपति, 2001
आमंत्रित प्राध्यापक
हैम्पशायर कॉलेज, मसेशुसेट्स्, यूएसए में आमंत्रित प्राध्यापक, बसंत सत्रार्ध,
1996
तस्मानिया विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में आमंत्रित प्राध्यापक, शिशिर सत्रार्ध,
1999
ऐमहर्स्ट् कॉलेज, एम् ए, यूएसए, में आमंत्रित प्राध्यापक, एक वर्ष के लिए, 2000
स्मिथ कॉलेज, एम् ए, यूएसए, में आमंत्रित प्राध्यापक, 2000
प्रकाशन-पुस्तकें
दुर्लभ थन्-का (तिब्बती पट्ट-चित्रांकनों) की तालिका (जो नई दिल्ली में कें. उ.
ति. श. संस्थान, सारनाथ तथा तिब्बत हाउस, नई दिल्ली के संयुक्त तत्त्वावधान में
1986 में आयोजित प्रदर्शन के लिए प्रकाशित हुई थी ।
‘अभिधम्मत्थसंगहो’ का सहभाग-संपादन, – कें. उ. ति. शि. संस्थान द्वारा प्रकाशित,
1989
‘रत्नावली’ का तिब्बती संस्करण तथा उस पर लिखा गया तिब्बती में अनुवादित एकमेव
भारतीय भाष्य का समालोचनात्मक संपादन, विस्तृत प्रस्तावना तथा परिशिष्टों सहित –
कें. उ. ति. शि. संस्थान द्वारा खंड 1 के रूप में प्रकाशित, 1990
नागार्जुन कृत ‘पिड़िक्रम’ तथा ‘पंचक्रम’ के संस्कृत तथा तिब्बती पाठों की
सहभाग-संपादित समलोचनात्मक आवृत्ति, कें. उ. ति. शि. संस्थान, सारनाथ, द्वारा
प्रकाशित, 2001
‘ओशन ऑफ रीज़निंग’ : नागार्जुन के मूलमध्यमककारिका पर लिखे सबसे अधिक विस्तृत
भाष्य का अनुवाद, ऑक्स्फोर्ड युनिवर्सिटी प्रेस, न्यूयॉर्क द्वारा प्रकाशित, 2006
वार्ताएँ
यूएसए, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, रुश, थाइलैण्ड तथा भारत के विविध
विश्वविद्यालयों में भाषण दिये ।
लेख
विविध नियतकालिकों, अभिनन्दन पत्रिकाओं, स्मरणिकाओं तथा विशेष मासिकाओं आदि
में अनेकानेक लेखों का योगदान ।
सम्मेलन/चर्चा-सत्र
भारत में तथा विदेशों में राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के कई सम्मेलनों
में, चर्चा-सत्रों में, कार्यशालाओं में सहभाग ।