1 |
शीर्षक :
प्रतीत्यसमुत्पादस्तुतिसुभाषितहृदयम्
लेखक : जे च़ोखा पा-
प्रकाशित : 1982, के. उ. ति. शि. सं. ,संशोधित संस्करण, 1994
भाषा : तिब्बती, संस्कृत, हिंदी तथा अंग्रेजी,
ग्रंथ स्वरूप : पूज्य ग्याल्छ़ेन नमडोल तथा प्रो. ङवङ् समतेन
द्वारा समालोचनात्मक सम्पादन तथा संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी में अनुवाद। |
2 |
शीर्षक :
भावनाक्रम
लेखक : आचार्य कमलशील
प्रकाशित : 1985, के. उ. ति. शि. सं.,
संशोधित संस्करण, 1997
ग्रंथ का नाम : आचार्य कमलशील कृत
भावनाक्रम
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ स्वरूप : अंशतः पुनरुद्धार,
पूज्य ग्याल्छ़ेन नमडोल द्वारा अनुवाद तथा समालोचनात्मक संपादन । |
3 |
शीर्षक :
मंजुश्री
लेखक : प्रा. ङवङ् समतेन
प्रकाशित 1986, के.उ.ति.शि.सं.
ग्रंथ का शीर्षक :
मंजुश्री : ऐन एक्जिविशन ऑफ रेयर थङकाज़
भाषा : अंग्रेजी
ग्रंथ स्वरूप : सामग्री जुटाकर तैयार
किया गया । |
4 |
शीर्षक :
धर्मसंग्रहलेखक : आचार्य नागार्जुन
प्रकाशित : 1988, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रन्थशीर्षक : आचार्य नागार्जुन कृत
धर्मसंग्रहः
भाषा : संस्कृत तथा तिब्बती
ग्रन्थ स्वरूप : पूज्य ग्याल्छेन
नमडोल द्वारा संस्कृत से तिब्बती में अनूदित तथा समालोचनात्मक ढंग से सम्पादित
। |
5 |
शीर्षक :
रत्नावली, लेखक : आचार्य नागार्जुन
प्रकाशित : 1991, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ शीर्षक : आचार्य नागार्जुनकृत
रत्नावली तथा अजातमित्र कृत भाष्य
भाषा : तिब्बती
ग्रंथ स्वरूप : प्रो ङवङ् समतेन
द्वारा तिब्बती संस्करण, समालोचनात्मक संपादन । |
6 |
शीर्षक :
रत्नावली भाष्य
लेखक : आचार्य अजातमित्र
प्रकाशित : 1991, के. उ. ति.शि.
संस्थान
ग्रंथ-शीर्षक : आचार्य नागार्जुनकृत
रत्नावली तथा अजातमित्रकृत भाष्य
भाषा : तिब्बती
ग्रंथ स्वरूप : प्रो. ङ वङ् समतेन द्वारा
तिब्बती संस्करण, समालोचनात्मक संपादन । |
7 |
शीर्षक :
बोधिचित्त विवरण (पद्य)
लेखक : आचार्य नागार्जुन
प्रकाशित : 1991 के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ शीर्षक :
बोधिचित्तविवरण तथा बोधिचित्त भावनाकात्ता
भाषा : तिब्बती तथा
हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : पूज्य ग्याल्छ़ेन
नामडोल द्वारा समालोचनात्मक सम्पादन तथा हिंदी अनुवाद । |
8 |
शीर्षक :
बोधिचित्त विवरण (पद्येतर)
लेखक : आचार्य नागार्जुन
प्रकाशित : 1991, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ- शीर्षक : बोधिचित्त विवरण तथा
बोधिचित्तभावना
भाषा : तिब्बती तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : पूज्य ग्याल्छ़ेन
नमडोल द्वारा हिंदी अनुवाद तथा समालोचनात्मक सम्पादन। |
9 |
शीर्षक :
बोधिचित्तभावना
लेखक : आचार्य कमलशील
प्रकाशित : 1991, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : बोधिचित्तविवरण तथा
बोधिचित्तभावना
भाषा : तिब्बती तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : पूज्य ग्याल्छेन
नमडोल द्वारा हिंदी अनुवाद तथा समालोचनात्मक संपादन । |
10 |
शीर्षक :
बोधिचित्तोत्पादविधि
लेखक : आचार्य
नागार्जुन
प्रकाशित : 1991,
के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक :
बोधिचित्तविवरण तथा बोधिचित्तभावना
भाषा :
तिब्बती तथा हिंदी
ग्रंथ- स्वरूप : पूज्य ग्याल्छ़ेन
नमडोल द्वारा हिंदी अनुवाद तथा समालोचनात्मक संपादन |
11 |
शीर्षक :
तर्कसोपान
लेखक : आचार्य विध्यंकरशांति
ग्रंथ-शीर्षक : तर्क सोपान
भाषा :संस्कृत तथा तिब्बती
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. पेन्पा दोर्जे
द्वारा संस्कृत से तिब्बती में अनुदित । |
12 |
शीर्षक :
नीतिशतकम्
लेखक : आचार्य भर्तृहरि
प्रकाशित 1996, के. उ. ति. शि. सं.
भाषा : संस्कृत, तिब्बती तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. तेन्ज़िन धोन्यो
तथा पूज्य लोब्संङ् नोर्बु शास्त्री द्वारा अनुवाद तथा समालोचनात्मक संपादन । |
13 |
शीर्षक :
प्रतीत्यसमुत्पादहृदय (मूल पाठ)
लेखक : आचार्य नागार्जुन
प्रकाशित : 1997, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : प्रतीत्यसमुत्पादहृदय
तथा आर्यधर्मधातुगर्भ विवरण
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : पूज्य ग्याल्छ़ेन
नमडोल द्वारा हिंदी अनुवाद तथा समालोचनात्मक संपादन । |
14 |
शीर्षक :
प्रतीत्यसमुत्पादहृदय का आत्म-भाष्य
लेखक : आचार्य नागार्जुन
प्रकाशित : 1997, के. उ. ति. शि. सं.
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : पूज्य ग्याल्येन नमडोल
द्वारा हिंदी अनुवाद, आंशिक संस्कृत-पुनरुद्धार तथा समालोचनात्मक संपादन । |
15 |
शीर्षक :
आर्यधर्मधातुगर्भविवरण
लेखक : आचार्य नागार्जुन
प्रकाशित : 1997, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : प्रतीत्यसमुत्पादहृदय
तथा आर्यधर्मधातुगर्भ विवरण
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : पूज्य ग्याल्छ़ेन
नमडोल द्वारा पुनरुद्धार, हिंदी अनुवाद तथा समालोचनात्मक सम्पादन । |
16 |
शीर्षक :
बोधिसत्त्वमान्यावली
लेखक : आचार्य दीपंकरश्रीज्ञान
प्रकाशित : 1999, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : आचार्य
दीपंकरश्रीज्ञान कृत पाँच ग्रंथ
भाषा : तिब्बती, संस्कृत, हिंदी तथा
अँग्रेजी
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्संग दोर्जी
राब्लिङ् द्वारा संस्कृत-पुनरुद्धार, हिंदी अनुवाद, तथा समालोचनात्मक संपादन । |
17 |
शीर्षक :
लोक-अतीत-सप्तांगविधि
लेखक : आचार्य दीपंकर-श्रीज्ञान
प्रकाशित : 1999, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रन्थ-शीर्षक : आचार्य
दीपंकरश्रीज्ञानकृत पाँच ग्रंथ
भाषा : तिब्बती, संस्कृत, हिंदी तथा
अँग्रेजी
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्संग दोर्जी
राब्लिङ् द्वारा संस्कृत-पुनरुद्धार, हिंदी तथा अँग्रेजी अनुवाद और
समालोचनात्मक संपादन । |
18 |
शीर्षक :
संचोदन सहित-स्वकृत्य-क्रमवर्ण-संग्रह
लेखक : आचार्य दीपंकरश्रीज्ञान
प्रकशित : 1999, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : आचार्य
दीपंकरश्रीज्ञानकृत पाँच ग्रंथ
भाषा : तिब्बती, संस्कृत, हिंदी तथा
अँग्रेजी
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्संग दोर्जी
शाब्लिङ् द्वारा संस्कृत-पुनरुद्धार, हिंदी तथा अँग्रेजी अनुवाद और
समालोचनात्मक सम्पादन । |
19 |
शीर्षक :
धर्मधातुदर्शनगीति
लेखक : आचार्य दीपंकरश्रीज्ञान
प्रकाशित : 1999, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : आचार्य
दीपंकरश्रीज्ञानकृत पाँच ग्रंथ
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्संग दोर्जी
राब्लिङ् द्वारा संस्कृत-पुनरुद्धार, हिंदी तथा अँग्रेजी अनुवाद और
समालोचनात्मक संपादन । |
20 |
शीर्षक :
विमलरत्नलेखा (राजा न्यायपाल नामक घनिष्ठ मित्र के नाम एक लघु
धर्म-पत्र)
लेखक : आचार्य दीपंकरश्रीज्ञान
प्रकाशित : 1999, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक :
आचार्यदीपंकरश्रीज्ञानकृत पाँच ग्रंथ
भाषा : तिब्बती, संस्कृत, हिंदी तथा
अँग्रेजी
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्संग दोर्जी
राब्लिङ् द्वारा संस्कृत-पुनरुद्धार, हिंदी तथा अँग्रेजी अनुवाद और
समालोचनात्मक सम्पादन । |
21 |
शीर्षक :
मध्यमकालोक
लेखक : आचार्य कमलशील
प्रकाशित : 2001, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : आचार्य कमलशीलकृत
मध्यमकालोक
भाषा : तिब्बती तथा संस्कृत
ग्रंथ- स्वरूप : डॉ. पेन्पा दोर्जे
द्वारा संस्कृत-पुनरुद्धार तथा समालोचनात्मक सम्पादन । |
22 |
शीर्षक :
आर्यत्रिस्कंधसूत्र
लेखक : बुद्ध
प्रकाशित : 2001, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : आर्यत्रिस्कंधसूत्र और
उसके तीन भाष्य
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्संग दोर्जी
राब्लिङ् द्वारा हिंदी अनुवाद तथा समालोचनात्मक सम्पादन । |
23 |
शीर्षक :
बोध्यापत्तिदेशनावृत्ति
लेखक : आचार्य नागार्जुन
प्रकाशित : 2001, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रन्थ-शीर्षक : आर्यत्रिस्कंधसूत्र
और उसके तीन भाष्य
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्संग दोर्जी
राब्लिङ् द्वारा संस्कृत-पुनरुद्धार, हिंदी अनुवाद तथा समालोचनात्मक संपादन । |
24 |
शीर्षक :
बोध्यापत्तिदेशनावृत्तिबोधिसत्त्वशिक्षाक्रम
लेखक : आचार्य जेतारि
प्रकाशित : 2001, के.उ.ति.शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : आर्यत्रिस्कंधसूत्रम्
तथा उसके तीन भाष्य
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्संग दोर्जी
राब्लिङ् द्वारा संस्कृत-पुनरुद्धार, हिंदी अनुवाद तथा समालोचनात्मक तिब्बती
संस्करण का संपादन । |
25 |
शीर्षक :
क्रमआवरणविशोधन-विधिनाम-भाष्यम्
लेखक : आचार्य दीपंकरश्रीज्ञान
प्रकाशित : 2001, के.उ.ति.शि.सं.
ग्रंथ-शीर्षक : आर्यत्रिस्कंधसूत्रम्
तथा उसके तीन भाष्य
भाषा : तिब्बती, संस्कृत, तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्सङ् दोर्जी
राब्लिंङ् द्वारा संस्कृत पुनरुद्धार तथा हिंदी अनुवाद और समालोचनात्मक सम्पादन
। |
26 |
शीर्षक :
सामान्य प्रतिदेशना
लेखक : आचार्य अश्वघोष
प्रकाशित : 2001, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : आर्यत्रिस्कंधसूत्र
तथा उसके तीन भाष्य
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : लोब्संग दोर्जी
राब्लिङ् द्वारा संस्कृत-पुनरुद्धार, तिब्बती तथा हिंदी अनुवाद और समालोचनात्मक
संपादन । |
27 |
शीर्षक :
लोकातीतस्तव
लेखक : आचार्य नागार्जुन
प्रकाशित : 2001, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : आचार्य नागार्जुनकृत
चतुस्तवः
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : पूज्य ग्याल्छ़ेन
नमडोल द्वारा हिंदी अनुवाद तथा समालोचनात्मक सम्पादन । |
28 |
शीर्षक :
निरुपम्यस्तव
लेखक : आचार्य नागार्जुन
प्रकाशित : 2001, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक :
आचार्य नागार्जुनकृत चतुःस्तव:
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : पूज्य ग्याल्छ़ेन
नमडोल द्वारा हिंदी अनुवाद तथा समालोचनात्मक संपादन । |
29 |
शीर्षक :
अचिंत्यस्तव
लेखक : आचार्य नागार्जुन
प्रकाशित : 2001, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : आचार्य नागार्जुनकृत
चतुःस्तवः
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : पूज्य ग्याल्छ़ेन
नमडोल द्वारा हिंदी अनुवाद तथा समालोचनात्मक संपादन । |
30 |
शीर्षक :
परमार्थस्तव
लेखक : आचार्य नागार्जुन
प्रकाशन : 2001, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : आचार्य नागार्जुनकृत
चतुःस्तव:
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : पूज्य ग्याल्छ़ेन
नामडोल द्वारा हिंदी अनुवाद तथा समालोचनात्मक संपादन । |
31 |
शीर्षक :
स्तुत्यतीतस्तव
लेखक : आचार्य नागार्जुन
प्रकाशित : 2001, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : आचार्य नागार्जुनकृत
चतुःस्तवः
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : पूज्य ग्याल्छ़ेन
नमडोल द्वारा संस्कृत तथा हिंदी समालोचनात्मक संपादन । |
32 |
शीर्षक :
आर्यसागर-नागराज- परिपृच्छासूत्र (लघु)
लेखक : ***
प्रकाशित : 2004, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : चतुर्धर्मोनसूत्र
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : पूज्य ग्याल्छ़ेन
नामडोल द्वारा संस्कृत पुनरुद्धार तथा हिंदी अनुवाद और समालोचनात्मक संपादन |
33 |
शीर्षक :
ऐन् अनलिसिस ऑन चतुर्धर्मोनसूत्र
लेखक : पूज्य ग्याल्छ़ेन नमडोल
प्रकाशित : 2004, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : चतुर्धर्मोड्डानसूत्र
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ स्वरूप : चार धर्म-मुद्राओं पर
पूज्य ग्याल्छ़ेन नमडोल द्वारा सामुदायिक अनुसंधान कार्य, |
34 |
शीर्षक :
सम्ये-विवाद
लेखक : डॉ. पेन्पा दोर्जी
प्रकाशित : 2005, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : ऐन् अनलिटिकल्
स्टडी ऑन सम्ये (विवाद)
भाषा : तिब्बती
ग्रंथ-स्वरूप :
तिब्बती तथा चीनी बौद्ध दर्शन पर पूर्वकालीन विवाद पर डॉ. पेन्पा दोर्जी द्वारा
शोध-प्रबंध । |
35 |
शीर्षक :
सर्वप्रज्ञानता पारमिता-सिद्ध-चैत्य-नाम-धारणी
लेखक : ***
प्रकाशित : 2006, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : चैत्य-संचकयोर्निर्माण
विधि-संग्रह:
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्सङ् दोर्जी
राब्लिङ् द्वारा पुनरुद्धार, अनुवाद तथा समालोचनात्मक सम्पादन । |
36 |
शीर्षक :
पारमिता-संचक-निर्माण-विधि
लेखक : आचार्य दीपंकरश्रीज्ञान
प्रकाशित : 2006, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक :
चैत्य-संचकयोर्निर्माण-विधि-संग्रह
भाषा :
तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्सङ् दोर्जी
राब्लिङ् द्वारा पुनरुद्धार, अनुवाद तथा समालोचनात्मक संपादन । |
37 |
शीर्षक :
संचक-निर्माण-विधि
लेखक : आचार्य अद्वयवज्र
प्रकाशित : 2006, के. उ. ति. शि. सं.
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-शीर्षक :
चैत्य-संचकयोर्निर्माणविधि-संग्रहः
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्संग दोर्जी
राब्लिङ् द्वारा पुनरुद्धा, अनुवाद तथा समारलोचनात्मक सम्पादन । |
38 |
शीर्षक :
वज्रसूची
लेखक : आचार्य अश्वघोष
प्रकाशित : 2006, के. उ. ति. शि. सं.
आचार्य अश्वघोषकृत वज्रसूची
भाषा : संस्कृत, तिब्बती, पालि,
हिंदी तथा अँग्रेजी
ग्रंथ-स्वरूप : पूज्य लोब्संग नोर्बु
शास्त्री तथा डॉ. लोब्सङ दोर्जी राब्लिङ् द्वारा संस्कृत से तिब्बती में अनुवाद
तथा समालोचनात्मक संपादन । |
39 |
शीर्षक :
वज्रसूचयोपनिषद
लेखक : आचार्य शंकर
प्रकाशित : 2006, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : आचार्य अश्वघोषकृत
वज्रसूची
भाषा : तिब्बती तथा पालि
ग्रंथ-स्वरूप : पूज्य लोब्सङ नोर्बु
शास्त्री तथा डॉ. लोब्सङ् दोर्जी राब्लिङ् द्वारा संस्कृत से तिब्बती में
अनुवाद तथा समालोचनात्मक सम्पादन। |
40 |
शीर्षक :
वसेठ्ठसुत्त
लेखक : ***
प्रकाशित : 2006, के. उ. ति. शि. सं.
ग्रंथ-शीर्षक : आचार्य अश्वघोषकृत
वज्रसूची
भाषा : तिब्बती तथा पालि
ग्रंथ-स्वरूप : पूज्य लोब्सङ् नोर्बु
शास्त्री तथा डॉ. लोब्सङ् दोर्जी नामडोल द्वारा संस्कृत से तिब्बती में अनुवाद
तथा समालोचनात्मक संपादन । |
41 |
शीर्षक :
ज्ञानसारसमुच्चय
लेखक : आचार्य आर्यदेव
प्रकाशित : 2008, के. ति.अ.वि.
ग्रंथ-शीर्षक : आचार्य आर्यदेवकृत
ज्ञानसारसमुच्चय, आचार्य बोधिभद्र के भाष्य समेत
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. पेन्पा दोर्जी
द्वारा पुनरुद्धार, अनुवाद तथा समालोचनात्मक संपादन । |
42 |
शीर्षक :
ज्ञानसारसमुच्चय-नाम-निबंधन
लेखक : आचार्य बोधिभद्र, के. ति. अ.
वि.
प्रकाशित : 2008
ग्रंथ-शीर्षक :
आचार्य आर्यदेवकृत ज्ञानसारसमुच्चय, आचार्य बोधिभद्र के भाष्य समेत ।
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. पेन्पा दोर्जी
द्वारा संस्कृत पुनरुद्धार, हिंदी अनुवाद, तथा समालोचनात्मक संपादन । |
43 |
शीर्षक :
धर्मचक्रप्रवर्तनसूत्र (थेरवाद संप्रदाय)
लेखक : *** के.ति.अ.वि. प्रकाशित
: 2008
ग्रंथ-शीर्षक : तीन बौद्ध संप्रदायों
का धर्मचक्रप्रवर्तनसूत्र तथा थेरवाद परंपरा के तीन सुत्त ।
भाषा : तिब्बती, संस्कृत, पालि तथा
हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्सङ् दोर्जी
राब्सिङ् द्वारा पालि से तिब्बती तथा हिंदी अनुवाद, और समालोचनात्मक संपादन । |
44 |
शीर्षक :
धर्मचक्रप्रवर्तनसूत्र (मूलसर्वास्तिवाद संप्रदाय)
लेखक : *** प्रकाशित
2008 के. ति. अ. वि.
ग्रंथ-शीर्षक : तीन बौद्ध संप्रदायों
का धर्म चक्रप्रवर्तन सूत्र थेरवाद परम्परा के तीन सुत्त
भाषा : तिब्बती, संस्कृत, पालि तथा
हिंदी,
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्सङ् दोर्जी
राब्लिङ् द्वारा हिंदी अनुवाद तथा समालोचनात्मक संपादन । |
45 |
शीर्षक :
धर्मचक्रप्रवर्तनसूत्र (महासंघिक संप्रदाय)
लेखक : ***
प्रकाशित : 2008, के.
ति. अ.वि.
ग्रंथ-शीर्षक : तीन बौद्ध संप्रदायों
का धर्मचक्रप्रवर्तनसूत्र तथा थेरवाद परम्परा के तीन सुत्त
भाषा : तिब्बती, संस्कृत, पालि तथा
हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्सङ् दोर्जी
राब्लिंग द्वारा पालि से तिब्बती तथा हिंदी अनुवाद और समालोचनात्मक संपादन । |
46 |
शीर्षक :
वज्रसुत्त
लेखक : ***
प्रकाशित : 2008, के.ति.अ.वि.
ग्रंथ-शीर्षक : तीन बौद्ध संप्रदायों
का धर्मचक्र प्रवर्तनसूत्र तथा थेरवाद परम्परा के तीन सुत्त
भाषा : तिब्बती, संस्कृत, पालि तथा
हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्संग दोर्जी
राब्लिङ् द्वारा पालि से तिब्बती तथा हिंदी अनुवाद और समालोचनात्मक संपादन ।
|
47 |
शीर्षक :
भार सुत्त
लेखक : ***
प्रकाशित : 2008, के.ति.अ.वि.
ग्रंथ-शीर्षक : तीन बौद्ध संप्रदायों
का धर्मचक्रप्रवर्तनसूत्र तथा थेरवाद परम्परा के तीन सुत्त ।
भाषा : तिब्बती, संस्कृत, पालि तथा
हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्संग दोर्जी
राब्लिङ् द्वारा पालि से तिब्बती तथा हिंदी अनुवाद और समालोचनात्मक सम्पादन । |
48 |
शीर्षक :
फेनपिंडोपम सुत्त
लेखक : ***
प्रकाशित : 2008, के.ति.अ.वि.
ग्रंथ-शीर्षक : तीन बौद्धसंप्रदायों
का धर्मचक्रप्रवर्तनसूत्र तथा थेरवाद परम्परा के तीन सुत्त
भाषा : तिब्बती, संस्कृत, पालि तथा
हिंदी ।
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्संग दोर्जी
राब्लिंग द्वारा पालि से तिब्बती तथा हिंदी अनुवाद और समालोचनात्मक संपादन । |
49 |
शीर्षक :
पिंडीक्रम
लेखक : आचार्य नागार्जुन
प्रकाशित : 2010, के.ति.अ.वि.
ग्रंथ-शीर्षक : पिंडीक्रम तथा पंचक्रम
भाषा : तिब्बती
ग्रंथ-स्वरूप : पूज्य ग्याल्छ़ेन
नमडोल द्वारा तिब्बती संस्करण का विस्तृत प्रस्तावना के साथ समालोचनात्मक
संपादन । |
50 |
शीर्षक :
पंचक्रम
लेखक : आचार्य नागार्जुन
प्रकाशित : 2010, के.ति.अ.वि.
ग्रंथ-शीर्षक : पिंडीक्रम तथा
पंचक्रम,
भाषा : तिब्बती,
ग्रंथ-स्वरूप : पूज्य ग्याल्छ़ेन नमडोल द्वारा
विस्तृत प्रस्तावना के साथ तिब्बती संस्करण का समालोचनात्मक संपादन । |
51 |
शीर्षक :
न्याय बिंदु
लेखक : आचार्य धर्मकीर्ति,
प्रकाशित : 2011, के. ति.अ.वि.
ग्रंथ-शीर्षक : आचार्य धर्मकीर्तिकृत
न्यायबिंदु, धर्मोत्तर के भाष्य समेत ।
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्संग दोर्जी
राब्लिंग तथा श्री टी. आर. शाशनी द्वारा समालोचनात्मक संपादन । |
52 |
शीर्षक :
न्यायबिन्दुटीका
लेखक : आचार्य धर्मोत्तर
प्रकाशित : 2011, के.ति.अ.वि.
ग्रंथ-शीर्षक : आचार्य धर्मकीर्तिकृत
न्यायबिंदु, धर्मोत्तर के भाष्य समेत,
भाषा : तिब्बती, संस्कृत तथा हिंदी,
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. लोब्संग दोर्जी राब्लिङ्
तथा श्री टी. आर. शाशनी द्वारा समालोचनात्मक संपादन । |
53 |
शीर्षक :
मध्यव्युत्पत्तिः टिप्पणियों समेत शब्दकोश,
लेखक : भारतीय पंडितों तथा तिब्बती
अनुवादकों द्वारा संकलित,
प्रकाशित : 2011, के.ति.अ.वि.,
ग्रंथ-शीर्षक : मध्यव्युत्पत्ति,
भाषा : तिब्बती तथा संस्कृत,
ग्रंथ-स्वरूप : डॉ. पेन्पा दोर्जी
द्वारा समालोचनात्मक संपादन । |
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