बौद्ध धर्म में जिनकी जड़ें जमी हुई हैं उन तिब्बती शिल्प-विद्याओं तथा तिब्बती शिल्प-विद्याओं की सांस्कृतिक विरासत को बनाये रखने तथा वृद्धिंगत करने के लिए इस विभाग की स्थापना 2008 में की गई।
इतिहास
औजार बनाना, इमारतें बनाना तथा अन्य जरूरी उपकरण बनाना, इन सबसे जुड़ी हुई तिब्बती कलाओं का मूल तिब्बती राजा न्यात्री छ़ेन्-पो (27ईसा-पूर्व) के शासन-काल तक जा पहुँचता है ।
ऐसा कहा जाता है कि बौद्ध धर्म पर आधारित विधिवत् कलाएँ 28वें राजा ल्हाथो-हो-री-येन्-छ़ेन् के कार्यकाल में दृष्टिगोचर हुईं । आगे 7वीं शताब्दी में नेपाल तथा चीन के राजघरानों के साथ विवाह-संबंध जुड़ने के परिणाम-स्वरूप तिब्बती कलाओं का विकास हुआ । तिब्बती राजा सोंङ्-छ़ेन ग्याम्-पो के नेपाल तथा चीन की राजकुमारियों की साथ हुए विवाह की तिब्बत में बौद्ध धर्म तथा उस पर आधारित कलाओं के प्रसार में अहम भूमिका रही है ।
सम्राट ठिसोङ् देछ़ेन ने कई भारतीय बौद्ध विद्वानों को तिब्बत आमंत्रित किया तथा उनकी सहायता से तिब्बत के सर्वप्रथम बौद्ध मठ का निर्माण किया । इसमें भारत, तिब्बत और चीन की स्थापत्य शैलियों का समन्वय किया गया था । इसके साथ मूर्ति-कला तथा बुद्ध, देव-देवियाँ और भारत तथा तिब्बत के बौद्ध आचार्यों के वस्त्र-पट चित्रांकन और भित्ति-चित्रांकन की कलाओं का भी विकास हुआ ।
इन विभिन्न ललित कला शैलियों के आधार पर तिब्बतियों ने अपनी स्वयं की शैली-परम्पराएँ विकसित कीं । आगे चलकर उनको (मेन्-लु), (खेन् लुग्) तथा (कर्मा गार्दिस) जाना जाने लगा ।
प्राध्यापक वृंद
Name |
: |
Dr. Dorjee Damdul
|
|
|
Designation |
: |
Associate Professor |
Contact |
: |
|
Email |
: |
|
View Profile |
Name |
: |
Shri Jigme |
|
|
Designation |
: |
Assistant Professor in Painting(HOD) |
Contact |
: |
|
Email |
: |
|
View Profile |
Name |
: |
Prof. S. Deshpande |
|
|
Designation |
: |
Retd. Professor in English Literature |
Contact |
: |
|
Email |
: |
|
View Profile |
Name |
: |
Miss. Suchita Sharma
|
|
|
Designation |
: |
Guest Lecturer in History & Aesthetic |
Contact |
: |
|
Email |
: |
|
View Profile |
Name |
: |
Shri Dechen Dorjee
|
|
|
Designation |
: |
Guest Lecturer in Tibetan Literature |
Contact |
: |
|
Email |
: |
|
View Profile |